नई दिल्ली: संसद में कार्यवाही नहीं चलने के कारण एक मंत्री की ओर से सत्तारूढ़ गठबंधन के सांसदों द्वारा 23 दिनों का वेतन छोड़ने की घोषणा के बाद गुरुवार को एनडीए में मतभेद उभर आया. शिवसेना ने कहा है कि इस मुद्दे पर पार्टी बीजेपी के साथ नहीं है जबकि दूसरी सहयोगी रालोसपा ने कहा कि उसे फैसले की जानकारी नहीं है.
सावंत ने कहा, ‘‘उन्होंने फैसला करने से पहले हमसे राय-मशविरा नहीं किया. उन्हें केवल राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनावों के दौरान एनडीए की याद आती है.’’ शिवसेना के 18 सांसद हैं और वह एनडीए का दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है. सावंत ने कहा, ‘‘यह वेतन का मुद्दा नहीं है. सांसद के रूप में हमने अपना काम किया. संसद नहीं चलने पर भी हमने अपने लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्रालयों के साथ बैठक की.’’
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि उन्हें एनडीए सांसदों द्वारा बजट सत्र के दूसरे हिस्से के दौरान 23 दिनों का वेतन नहीं लेने के फैसले की जानकारी नहीं है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मैं इसके बारे में नहीं जानता हूं.’’
Source:-Zee News
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सावंत ने कहा, ‘‘उन्होंने फैसला करने से पहले हमसे राय-मशविरा नहीं किया. उन्हें केवल राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति चुनावों के दौरान एनडीए की याद आती है.’’ शिवसेना के 18 सांसद हैं और वह एनडीए का दूसरा सबसे बड़ा घटक दल है. सावंत ने कहा, ‘‘यह वेतन का मुद्दा नहीं है. सांसद के रूप में हमने अपना काम किया. संसद नहीं चलने पर भी हमने अपने लोगों की समस्याओं के समाधान के लिए मंत्रालयों के साथ बैठक की.’’
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री उपेन्द्र कुशवाहा ने कहा कि उन्हें एनडीए सांसदों द्वारा बजट सत्र के दूसरे हिस्से के दौरान 23 दिनों का वेतन नहीं लेने के फैसले की जानकारी नहीं है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे इसकी जानकारी नहीं है. मैं इसके बारे में नहीं जानता हूं.’’
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